Friday, March 14th, 2025

सेबी ने 19 विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशकों का पंजीकरण रद्द किया

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 19 विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशकों (FVCIs) का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इनमें मॉरीशस, सिंगापुर और साइप्रस स्थित संस्थाएं शामिल हैं। यह कार्रवाई नियामक मानकों के उल्लंघन के कारण की गई है।

सेबी ने इन संस्थाओं पर कई नियामक नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया और उन्हें निष्क्रिय पाया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जिन 14 संस्थाओं की समाप्ति तिथि ज्ञात थी, उनमें से 11 पिछले पांच वर्षों से निष्क्रिय थीं, जबकि तीन संस्थाएं 10 महीने से लेकर तीन वर्षों तक निष्क्रिय रहीं। सेबी ने दिसंबर 2024 में इन 19 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन किसी भी संस्था ने जवाब नहीं दिया।

नियमक को संरक्षकों से पुष्टि मिली कि इन संस्थाओं के पास भारत में कोई प्रतिभूति नहीं थी। सेबी ने यह भी आरोप लगाया कि ये संस्थाएं अब विदेशी पंजीकरण की पात्रता की शर्तों को पूरा नहीं कर रही थीं, क्योंकि वे अपने संबंधित देशों में कानूनी रूप से अस्तित्व में नहीं थीं। उन्होंने अनिवार्य तिमाही रिपोर्ट दाखिल नहीं की और पात्रता मानदंड में हुए बदलावों की जानकारी नियामक को नहीं दी।

अपने आदेश में, सेबी ने स्पष्ट किया कि इन विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशकों को अपनी गतिविधियों के बंद होने की जानकारी देनी चाहिए थी, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण सूचना थी। कारण बताओ नोटिस में यह भी कहा गया कि ये संस्थाएं अपने पंजीकृत पते पर नहीं मिलीं, जिससे संकेत मिलता है कि उन्होंने अपने पते में हुए बदलावों की सूचना सेबी को नहीं दी थी। इसके अलावा, इन संस्थाओं ने FVCI विनियमों के तहत अनिवार्य आवधिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की थी।

इस कार्रवाई के बाद सेबी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह निवेश नियमों के उल्लंघन पर कड़ी नजर रखेगा और पारदर्शिता तथा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाएगा।